Pramila singh

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लेखनी कविता -06Jun-2023 #बंदिशें

बंदिशें ही बंदिशें थी जिंदगी में

पर हमने भी हारने से इंकार कर दिया 
कोई साथ दे या ना दे हमारा
 खुद पर भरोसा कर सफर शुरू कर दिया
रास्ता आसान नहीं था 
पर हिम्मत अपनी भी बुलंद थी
कल जो उंगली उठाते थे 
आज उन्हें प्रशंसा करने पर मजबूर कर दिया

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6 Comments

बेहतरीन रचना

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वाह, बहुत खूब

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Zakirhusain Abbas Chougule

06-Jun-2023 04:18 PM

Nice

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